कृषि विधेयक (FARM BILL) क्या है?
भारत एक कृषि प्रधान देश जहा पर बहुत सारी जनसख्या गाँवो में रहती है। हम सब जानते है कि एक व्यवसाय करने वाला धनी होता चला जा रहा है लेकिन हमारे किसान आज भी आत्महत्या के लिए मजबूर है। इन सब हालातो को देखते हुए भारत सरकार ने कुछ दिन पहले तीन कृषि विधयेक बिल पेश किया है।
मोदी सरकार द्वारा अपने घोषणा पत्र में कहा गया था कि किसानों की आय दुगनी की जाएगी उसी के उपलक्ष्य में भारत सरकार ने यह तीन बिल ला कर अपने वादे को पुरा करना चाहती है। इन तीनो बिल में भारत के किसानों के लिए क्या फायदे है । आज हम इन बिल पर बात करेंगे
Table of Contents
1. क्या है कृषि बिल 2020
2. कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) 2020
3. कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) क़ीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर क़रार विधेयक 2020 औऱ
4. आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020
हम एक - एक कर के तीनों बिल के बारे में बात करेंगे जो कृषि क्षेत्र में किसानो की मदद के लिए भारत सरकार ने संसद (Parliament of India) में पेश किया गया है ।भारत सरकार का मुख्य उद्देश्य यह है कि किसानों की आय दुगना किया जाए।| जिसके वजह से भारत सरकार ने कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) 2020, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) क़ीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर क़रार विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 जैसे बिल पेश किये है|
1.कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) 2020
हमारे किसानों की सबसे बड़ी समस्या यह ही होता है कि अपने फसल को सही दामो पे न बेच पाना अब भारत सरकार के इस महत्वपूर्ण निर्णय से किसानो को यह फायदा है कि अपनी फसल पूरे देश में बिना किसी रुकावट के बेच पाएंगे और इतना ही नही किसान को इस बिल के कारण भारत सरकार द्वारा निर्धारित मूल्यों से भी ज्यादा मूल्य मिलने का अनुमान है | भारत सरकार इस बिल के माध्यम से यह चाहती है कि किसान अपनी फसल को मंडियों से बाहर बेचने की व्यवस्था करना है, जिससे आने जाने का खर्चा बचेगा। इसके जरिये ई ट्रेडिंग जैसे प्लेटफॉर्म की व्यवस्था भी किया गया है जिसके कारण किसानों को कही जाने की जरूरत नही पड़ेगी और इससे पूरे प्रक्रिया में पारदर्शिता मिलेगी। इस बिल में यह भी प्रावधान किया गया है कि प्रोसेसिंग यूनिट , निर्यातकों और फुटकर विक्रेताओं के साथ किसानों का सीधा संपर्क रहेगा और जिसके वजह से बीच के विचौलियों से छुटकारा मिलेगा।
कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) क़ीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर क़रार विधेयक 2020
इस बिल में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से सम्बंधित बातो पर प्रकाश डाला गया है। जिससे कंपनियों, प्रोसेसिंग यूनिट, निर्यातकों को किसानों के साथ जोड़ने का प्रयास किया गया है। हम कई बार यह देख सकते है कि जब फसल की बुवाई या लगान का समय होता है तो फसल का मूल्य बहुत ज्यादा हो जाता है और जब फसल की कटाई होती है तो फसल का मूल्य कम हो जाता है।
उदहारण के लिए देखे तो आज कल आलू जैसे फसल की बुवाई का समय है जिसका जिसका मूल्य 40 रुपये किलो है जो फसल हो जाने के बाद 5 से 10 रुपये किलो बिकता है।
इस बिल की वजह से किसान कंपनी से बुआई करने के पहले ही कंपनी से एक कॉन्ट्रैक्ट निर्धारित मूल्यों पर कर सकते है जो आज का मूल्य होगा । जिससे किसानों को फसल की मूल्यों में हो रहे उतार चढ़ाव का कोई असर नही होगा। जिसके वजह से किसान निश्चिन्त हो कर अपने फसल पर पूरा ध्यान दे पाएगा। इतना ही नही इसमे यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि किसानों को अत्यंधुनिक कृषि उपकरण और बीज खाद भी उपलब्ध कराया जाए।कृषि क्षेत्र में शोध और नई तकनीक पर काम किया जाएगा और इसके माध्यम से किसानों की व्यय में कमी और आय में वृद्धि भी होगी।
यदि किसान और कंपनियों के बीच मे कोई विवाद होता है तो उसका निपटारा 30 दिनों के अंदर किया जाएगा।
आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020
यह बहुत पुराना कानून है जिसमे इस बिल के माध्यम से कुछ संशोधन किया गया है। यह बिल खाद्य सुरक्षा को देखते हुए भारत सरकार का बहुत महत्वपूर्ण बिल है। इसमें संशोधन के द्वारा अनाज, प्याज, आलू, दलहन और तिलहन आदि अत्यावश्यक वस्तु की सूची से हटाया गया है। जिसके कारण कृषि क्षेत्र में निवेश का माहौल बनेगा और कृषि बाजार में प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगा जिसके वजह से कृषि उत्पादों की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा। इस बिल के माध्यम से उत्पादों के भंडारण एवं प्रसंस्करण में भी वृद्धि होगी जिससे रोजगार भी बढ़ेगा।
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